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अपनी डेली लाइफ के 4.8 घंटे स्मार्टफोन पर बिता रहे हैं लोग – रिपोर्ट जाने विस्तार में।

People spending 4.8 hours of Day on smart phones : स्मार्टफोन (Smartphone) हमारी लाइफ का अहम हिस्सा हो चुका है. कोरोना काल में तो मानों हमारी पूरी दुनिया ही मोबाइल पर सिमट कर रह गई है.

बाहर निकलना कम हो गया है, वीडियो कॉल या कॉनकॉल (Concall) के जरिए ही हम अपने दोस्तों से मिलने से लेकर, ऑफिस मीटिंग्स अटैंड कर लेते हैं. हालांकि जानकार समय-समय पर फोन पर बिताए जाने वाले समय को लेकर चेताते रहे हैं. दुनियाभर में लोगों के मोबाइल यूज करने के टाइम को लेकर चौंकाने वाली रिसर्च रिपोर्ट सामने आई है. एप एनी (App Annie) की हाल ही में जारी स्टेट ऑफ मोबाइल रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वैश्विक स्तर पर यूजर्स ने 2021 में मोबाइल पर रिकॉर्ड 3.8 लाख करोड़ घंटे बिताए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक लोग रोजाना औसतन 4.8 घंटे मोबाइल फोन पर बिता रहे हैं. ये अवधि उनके जागने के घंटों की लगभग एक तिहाई के बराबर है.

ब्रिटेन में 2021 तक प्रतिदिन फोन पर बिताया गया औसत समय चार घंटे था, जो साल के वैश्विक औसत 4.8 घंटे से कम था. पर वहां मोबाइल का उपयोग 2019 में रोजाना तीन घंटे और 2020 में 3.7 घंटे प्रतिदिन से बढ़ गया है.


क्या कहते हैं जानकार

एप एनी (App Annie) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 ‘रिकार्ड-ब्रेकिंग’ था क्योंकि यूजर मोबाइल लाइफस्टाइल को अपनाना और बड़ी स्क्रीन से दूरी बनाना जारी रखे हुए हैं. एप एनी के सीईओ (CEO) थियोडोर क्रांत्ज (Ted Krantz) ने कहा, बड़ी स्क्रीन धीरे-धीरे खत्म हो रही है, क्योंकि मोबाइल समय बिताने, डाउनलोड करने और कमाई समेत लगभग हर श्रेणी में रिकार्ड तोड़ रहा है.


भारत चौथे स्थान पर



क्या आप जानते हैं कि भारतीय औसतन प्रतिदिन लगभग 2.25 घंटे सोशल मीडिया पर बिताते हैं, जो कि वैश्विक औसत प्रतिदिन 2.5 घंटे से थोड़ा कम है. भारत में सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ी है और साल 2021 में ये 448 मिलियन हो गई, जो मुख्य रूप से पूरे भारत में स्मार्टफोन के व्यापक उपयोग से बढ़ी है, जबकि इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़कर लगभग 624 मिलियन हो गई है, जो भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 45 प्रतिशत है.

एप एनी (App Annie) के डेटा के अनुसार, भारतीयों ने साल 2021 में औसतन 4.7 घंटे रोज स्मार्टफोन पर बिताए, प्रत्येक व्यक्ति द्वारा 2021 में मोबाइल फोन के इस्तेमाल के मामले में भारत वर्ल्ड में चौथे स्थान पर रहा है. पहले स्थान पर 5.4 घंटे के साथ ब्राजील और इंडोनेशिया हैं. दूसरे स्थान पर 5 घंटे के साथ साउथ कोरिया और तीसरे स्थान पर 4.8 घंटे के साथ मेक्सिको रहा. भारतीयों ने साल 2021 में 2600 करोड़ बार कोई मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड की थी, जिसमें 100 करोड़ सिर्फ फाइनेंशियल एप्लीकेशंस जैसे यूपीआई, बैंक, स्टॉक, लोन ऐप थी.

गूगल ने लॉन्च किया टैप टू पे

जैसा कि आप सभी जानते हैं गूगल पर आज के समय में कितना ज्यादा प्रचलित मनी ट्रांसफर एप्प है गूगल पे ने बुधवार को पाइपलाइन के साथ मिलकर यूपीआई के लिए टेप टू लांच करने की घोषणा कर दी है यह एक ऐसी कार्य क्षमता है जिसका उद्देश्य टाइप टू पर टू यू पी आई की सेहत सुविधा लाना है और गूगल अपने कामों को बहुत ही बेहतर बना रहा है और यूजर्स के लिए नए नए फीचर्स लेकर आ रहा है

आपको बताते चलें टैटू पर केवल कार्ड के लिए उपलब्ध था अभी तक यह सिर्फ कार्ड पर ही उपलब्ध था

गूगल प्ले सिक्योरिटी को देखते हुए भुगतान करने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं को अपने फोन को बस टर्मिनल पर टाइप करना होगा और अपने यूपीआई पिन का उपयोग करके अपने फोन से भुगतान को प्रमाणित करना होगा क्यूआर कोड या यूपीआई से जुड़ी मोबाइल नंबर को स्कैन करने दर्ज करने की प्रक्रिया को लगभग खाली बनाना होगा गूगल ऐप को लगभग अपडेट कर रहा है और ज्यादा बेहतर हो सके। जिससे यूजर को चलाने में और उसकी प्राइवेसी के साथ कोई छेड़खानी ना हो।

गूगल केपीएस ई बिजनेस है हेड सजीथ शिवानंदन ने एक बयान में कहा “भारत में फिटनेस विकास दुनिया के लिए प्लेबुक लिख रहा है ” पहले यूपीआई के साथ वास्तविक समय भुगतान करने के साथ और आगे प्रवाह के साथ विचार करके जो लेनदेन के समय को लगभग कर देता है यूपी के लिए का आउटलेट के लिए गहरा प्रभाव पड़ता है दूर ले जा रहा है

गूगल की कार्य क्षमता किसी भी यूपीआई उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध होगी जो देश भर में किसी भी पाइप लैब्स एंड्राइड ओएस 10 मिनट का उपयोग करने के लिए अपने एनएफसी एंड्रॉयड स्मार्टफोन का उपयोग करना चाहते हैं

Android vs i phone पुराने i phone को भी मिल रहा अपडेट, एंड्रॉयड यूजर्स के नसीब में बस इंतजार

स्मार्टफोन बाजार में दो ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोन्स ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। इनमें से एक है iOS और दूसरा है Android। iOS वाले प्रोडक्ट तो साल में एक बार लॉन्च होते हैं लेकिन Android वाले फोन्स तो डेली ही लॉन्च होते रहते हैं।

जहां बात अपडेट देने की आती है तो इसमें एप्पल को अब तक कोई हरा नहीं पाया है। समय-समय पर एप्पल आईफोन पर अपडेट देती रहती हैं, वहीं एंड्रॉयड यूजर्स अपडेट का इंतजार करते ही रह जाते हैं।

आपको बता दें कि एप्पल ने 72% आईफोन्स तक iOS 15 का अपडेट पहुंचा दिया है। अब iOS 14 महज 25 फीसदी फोन्स में ही रह गया है और सिर्फ 2% आइफोन्स इससे पुराने वर्जन पर काम कर रहे हैं। एप्पल कंपनी चार से पांच साल पुराने 63% आईफोन्स पर भी iOS 15 का अपडेट पहुंचा चुकी है।

एंड्रॉयड को क्यों नहीं मिल रहा अपडेट


गूगल एंड्रॉयड के लेटैस्ट वर्जन पर काम करने वाले फोन्स के लिए अपडेट जारी नहीं करती है। पुछले साल नवंबर में गूगल ने Android 12 जारी किया था और अब भी 26.5% एंड्रॉयड फोन्स एंड्रॉयड 10 पर काम कर रहे हैं जिसे कि वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था। Android 11 वाले फोन्स की संख्या भी महज 24.2% ही है। फिलहाल एंड्रॉयड 12 के यूजर्स कितने हैं यह अभी एक राज है, हालांकि कुछ कंपनियों ने अपने फोन्स के लिए Android 12 का अपडेट देना शुरू कर दिया है। आपको जानकार हैरानी होगी कि अभी भी 18.2% फोन्सAndroid 9 Pie पर काम कर रहे हैं और 13.7% फोन में अभी भी Android 8 Oreo है।

इन आंकड़ों से यह पता चल जाता है कि एंड्रॉयड फोन के मुकाबले आईफोन पर भरोसा लोग क्यों करते हैं। एप्पल पांच साल पुराने फोन को भी अपडेट दे रही है, लेकिन एंड्रॉयड फोन अभी भी 3 से 4 साल पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम वर्जन पर काम कर रहे है।

सरकार का अलर्ट: बात करते समय मर्ज न करें कॉल,खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट का बैलेंस।

मोबाइल फोन पर किसी अंजान व्यक्ति से बात करते समय कॉल को मर्ज न करें। ऐसा करने पर आपका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो सकता है। इसके जरिये साइबर अपराधी आपके बैंक खाते तक भी पहुंच सकते हैं।

साइबर धोखाधड़ी लगातर बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने चेतवानी जारी की। इसमें कहा है कि साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।

अपना OTP किसी से साझा न करें।



गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अपने ट्विटर हैंडल ‘साइबर दोस्त’ के जरिये ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को लेकर भी चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि फोन पर कभी भी किसी अंजान व्यक्ति से बात करते समय कोई और कॉल मर्ज न करें।

कॉल मर्ज होते ही जालसाज ओटीपी जानकर आपका बैंक मेट्रो, रेलवे स्टेशन, पार्क समेत ऐसी कई जगहों पर फ्री वाईफाई की सुविधा है। अक्सर लोग इंटरनेट बचाने और फ्री वाईफाई के चक्कर में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी पब्लिक वाईफाई के जरिए कर लेते हैं। इन फ्री वाईफाई में कुछ फ्रॉड भी हो सकते है। इस स्थिति में अगर आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, तो आपकी बैंक से जुड़ी निजी जानकारी उनके पास चली जाती है। इसलिए ध्यान रखें कि, पब्लिक वाईफाई से कभी भी अपने ट्रांजेक्शन ना करें। पर भी शिकायत कर सकते हैं। साइबर दोस्त साइबर सुरक्षा पर जानकारी साझा करता है।

What is antivirus.

किसी से साझा न करें ओटीपी

डिजिटल भुगतान या बैंक से जुड़े कोई भी लेनदेन करते समय मोबाइल नंबर एक ओटीपी आता है। इसके डालने के बाद ही लेनदेन पूरी होती है। ऐसे में अपना ओटीपी नंबर किसी से साझा न करें। इसके अलावा, ज्यादातर लोग फोन और मैसेज के जरिये भी ओटीपी साझा कर देते हैं। ऐसा करने से बचें अन्यथा आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।

पब्लिक वाईफाई से लेनदेन करने से बचें

फ्री wifi का यूज करने से बचें।

मेट्रो, रेलवे स्टेशन, पार्क समेत ऐसी कई जगहों पर फ्री वाईफाई की सुविधा है। अक्सर लोग इंटरनेट बचाने और फ्री वाईफाई के चक्कर में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी पब्लिक वाईफाई के जरिए कर लेते हैं। इन फ्री वाईफाई में कुछ फ्रॉड भी हो सकते है। इस स्थिति में अगर आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, तो आपकी बैंक से जुड़ी निजी जानकारी उनके पास चली जाती है। इसलिए ध्यान रखें कि, पब्लिक वाईफाई से कभी भी अपने ट्रांजेक्शन ना करें।

गूगल क्रोम पर भूलकर भी न करें ये गलतियां,हो सकते हैं हैकिंग के शिकार, एंटीवायरस भी नही करेगा काम।

इंटरनेट के बहुत से फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। ऐसे में इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां रखना जरूरी होता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए बहुत से लोग गूगल क्रोम ब्राउजर का उपयोग करते हैं।

अक्सर लोग गूगल क्रोम पर बार-बार लॉग-इन करने से बचने के लिए जीमेल सहित सर्विस के लॉगइन आईडी और पासवर्ड को सेव कर देते हैं। बता दें कि ऐसा करना यूजर को भारी पड़ सकता है। ऐसे में गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते वक्त भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए नहीं तो हैकिंग का शिकार हो सकते हैं।

हो सकते हैं हैकिंग का शिकार


हाल ही में सिक्योरिटी एक्सपर्ट कंपनी AhnLab ने एक रिपोर्अ में इस बात का खुलासा किया है कि एक वायरस गूगल क्रोम से आपके लॉगइन आईडी और पासवर्ड चुरा सकता है। दरअसल सिक्योरिटी फर्म ने रेडलाइन स्टीलर नाम के एक मैलवेयर की पहचान की है। यह मैलवेयर गूगल क्रोम में सेव लॉगईन आईडी और पासवर्ड चुराने का काम करता है। ऐसे में हैकर्स इस मैलवेयर के जरिए आपकी पर्सनल डिटेल हासिल कर सकते हैं। साथ ही बैंकिंग फ्रॉड जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं।

एंटीवायरस भी नहीं करेगा काम

रिपोर्ट के अनुसार, यह मैलवेयर काफी खतरनाक है। यहां तक की इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का भी असर नहीं होता है। बताया जा रहा है कि यह मैलवेयर कंपनी के वीपीएन तक पहुंचकर लॉग-इन और पासवर्ड चोरी करने में माहिर है। ऐसे में यूजर्स से गूगल क्रोम में अपना लॉग-इन आईडी पासवर्ड सेव ना सेव करने की सलाह दी गई है। इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का असर नहीं होता है।

एंटीवायरस क्या है जाने विस्तार में।

ऐसे बचें



इस मैलवेयर से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। भूलकर भी गूगल क्रोम ब्राउजर पर कोई भी पासवर्ड ना सेव करें। इसके साथ ही अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें। हमेशा सिक्योर और ऑफिशियल वेबसाइट का इस्तेमाल करें। इसके अलावा मेल, मैसेज या व्हाट्सऐप पर आने वाले किसी अनजान लिंक को क्लिक न करें। पर्सनल डेटा और अन्य जरूरी फाइल को बिना प्रोटेक्शन के सेव करके न रखें।

Android phone tips & tricks :- क्या आपका भी फोन स्लो चल रहा है। ये सेटिंग करने के बाद नए जैसा चलने लगेगा

Android Smartphone Tricks:

कुछ समय बाद कई स्मार्टफोन की स्पीड स्लो हो जाती है क्योंकि अधिक ‘जंक’ कैश्ड डेटा, अनयूज्ड फाइलों और फोल्डरों के रूप में इक्टठा हो जाता है.

Smartphone speed up
Smartphone speed up

Smartphone Speed UP:

एंड्रॉयड स्मार्टफोन खूब इस्तेमाल किए जा रहे है. नई नई टेक्नॉलोजी आ रही हैं. नए स्मार्टफोन्स में प्रोसेसर, रैम और स्टोरेज भी ज्यादा आ रही हैं. लेकिन कुछ समय बाद कई स्मार्टफोन की स्पीड स्लो हो जाती है क्योंकि अधिक ‘जंक’ कैशे डेटा, अनयूज्ड फाइलों और फोल्डरों के रूप में इक्टठा होते रहते हैं. इसके लिए हममें से अधिकांश लोग एक एंड्रॉयड एंटी-वायरस ऐप डाउनलोड करते हैं जो एक टैप में काम करता है, लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने Android स्मार्टफोन को स्पीड बढ़ा सकते हैं.

Home screen clean up

डेटा सेवर मोड चालू रखें (Enable ‘Data Saver’ Mode)


क्रोम ब्राउजर में ‘डेटा सेवर’ ऑप्शन को एक्टिव करने से आपको ज्यादा इंतजार किए बिना सर्फिंग करने में मदद मिलेगी क्योंकि यह कम डेटा का इस्तेमाल करके और पेजों को तेजी से लोड करता है. यहां आप फोटो और वीडियो की क्वालिटी पर थोड़ा सा समझौता कर सकते हैं. साथ ही, यहां डेटा स्पीड मायने रखती है.

On data sever mode

होम स्क्रीन साफ रखें (Clean The Home Screen)


होम स्क्रीन को क्लीन करने से फोन हल्का हो जाता. मौसम, समाचार और इस तरह के लगातार अपडेट होने वाले ऐप्स के लिए विजेट्स के साथ लाइव वॉलपेपर रखने से अक्सर फोन स्लो हो सकते हैं क्योंकि जैसे ही आप अपने स्मार्टफोन को अनलॉक करते हैं, वे सभी रिफ्रेश हो जाते हैं. होम स्क्रीन पर कई विंडो रखने से भी यही हाल होता है.

Switch Off Auto-Sync


इन दिनों ज्यादातर स्मार्टफोन में सेटिंग ऐप में यह खास ऑप्शन होता है. बैकग्राउंड में ऑटो सिंक करने के लिए वास्तव में किन ऐप्स की जरूरत है, इस पर एक नजर डालें. केवल उन्हीं ऐप्स को ऑटो सिंकिंग की परमिशन दें जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है.

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Task Killers Actually Make Apps ‘Slow’


हां, तुमने यह सही पढ़ा. टास्क किलिंग ऐप्स वास्तव में ऐप्स के स्टार्ट होने को स्लो कर देते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ ऐप्स को एंड्रॉयड द्वारा बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जाता है जब उन्हें बैकग्राउंड में बीच में छोड़ दिया जाता है. जब टास्क किलर बैकग्राउंड में चल रहे ऐप को बंद कर देते हैं, तो उन्हें शुरू से बूट करने में अधिक समय लगता है. इसमें बैटरी भी ज्यादा लगती है.

Overclock The Smartphone Processor


यदि आप अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन को रूट करना जानते हैं और आपके पास एक अच्छा ओवरक्लॉकिंग ऐप है, तो एक तेज UI अनुभव देखने के लिए तैयार हो जाइए. हालांकि, यहां कुछ वॉर्निंग्स में स्मार्टफोन का ज्यादा गर्म होना और तेज बैटरी खत्म होना शामिल हैं.

Clear The Cached Data

😮😮😮 whatsapp ke new features, जाने विस्तार में……..


जंक फाइलों को क्लीयर करने और कुछ कामों में स्मार्टफोन की स्पीड बढ़ाने का यह शायद सबसे आम तरीका है. इसके लिए आपको बहुत सारे ऐप मिलते हैं और कुछ स्मार्टफोन में इस फीचर के साथ इनबिल्ट फोन मैनेजर भी होता है.

Deactivate Some Apps


आप बैकग्राउंड में चल रहे कुछ ऐप्स को डीएक्टिवेट भी कर सकते हैं. क्लियरिंग ऐप्स जिनका आप जल्द ही कभी भी उपयोग नहीं करेंगे, इससे रैम और प्रोसेसर पर लोड कम कर देंगे. इसके लिए आपको कई थर्ड पार्टी ऐप्स भी मिलते हैं.

Keep The OS Version Up To Date


यदि आपका स्मार्टफोन अभी भी आधिकारिक ओएस अपग्रेड साइकल में है, तो जब भी ओईएम नया ऑपरेटिंग रोल आउट करे तो नया वर्जन इंस्टॉल करें. यह पिछले वर्जन से बग को दूर रखता है और डिवाइस को फास्ट रखने में हेल्प करता है.

Factory Reset


यह आपके पास आखिरी उपाय है. यदि आप रूटिंग से परिचित नहीं हैं, और आपकी डिवाइस आधिकारिक Android OS अपडेट साइकल में नहीं है और आप नहीं चाहते कि थर्ड पार्टी एप्लिकेशन आपका डेटा क्लीयर करें तो फैक्ट्री रीसेट करें. यह ऑप्शन सेटिंग पेज में पाया जा सकता है. फैक्ट्री रीसेट करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपने सब कुछ बैकअप कर लिया है.

इंटरनेट पर 20 सबसे उपयोगी वेबसाइटें……

यहां इंटरनेट पर सबसे उपयोगी वेबसाइटें हैं जो आपको स्मार्ट बनाएंगी, उत्पादकता बढ़ाएंगी और नए कौशल सीखने में आपकी मदद करेंगी। ये अविश्वसनीय रूप से उपयोगी वेबसाइटें कम से कम एक समस्या को वास्तव में अच्छी तरह हल करती हैं। और उन सभी के पास अच्छे यूआरएल हैं जिन्हें याद रखना आसान है और इस प्रकार आपको Google की यात्रा की बचत होती है।

सबसे उपयोगी वेबसाइट और वेब ऐप्स

  1. आर्काइव .is – एक वेब पेज का एक स्थायी स्नैपशॉट लें जो हमेशा के लिए मौजूद रहेगा, भले ही मूल पेज चला गया हो।
  2. autodraw.com — फ्रीहैंड डूडल बनाएं और उन्हें मशीन लर्निंग द्वारा संचालित खूबसूरत ड्रॉइंग में जादुई रूप से बदलते हुए देखें।
  3. Fast.com — अपने इंटरनेट कनेक्शन की वर्तमान गति की जाँच करें।
  4. स्लाइड्स डॉट कॉम — पिक्सेल-परफेक्ट स्लाइड डेक बनाएं और अपनी प्रस्तुतियों को कहीं से भी किसी भी आकार के दर्शकों के लिए प्रसारित करें।
  5. Screenshot.guru —  मोबाइल और डेस्कटॉप पर वेब पेजों के उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाले स्क्रीनशॉट लें ।
  6. dictation.io  – आपके ब्राउज़र में ही सटीक और त्वरित आवाज पहचान।
  7. रिवर्स.फोटोस – एक छवि अपलोड करें और वेब पर समान चित्र खोजें।
  8. copychar.cc  – विशेष वर्णों और इमोजी को कॉपी करें जो आपके कीबोर्ड पर नहीं हैं।
  9. codeacademy.com  –  ऑनलाइन कोडिंग सीखने के लिए सबसे अच्छी जगह ।
  10. noisli.com — परिवेशी शोर आपको फ़ोकस सुधारने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है।
  11. iconfinder.com  – सभी प्रकार की परियोजनाओं के लिए लाखों आइकन। icon8.com और flaticon.com भी आजमाएं ।
  12. jotti.org  – वायरस के लिए किसी भी संदिग्ध फाइल या ईमेल अटैचमेंट को स्कैन करें।
  13. wolframalpha.com  – बिना खोजे सीधे उत्तर प्राप्त करता है – अधिक वुल्फराम युक्तियाँ देखें ।
  14. Earth.google.com  – अपने ब्राउज़र के आराम से सुंदर शहरों, स्थलों का पता लगाएं और 3D में दुनिया की परिक्रमा करें।
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