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खुशखबरी इंडिया में बहुत जल्द वापस आ सकता है टिक टॉक नए नाम से लांच करने की है तैयारी जिसका नाम है डाइट डांस

By vinkal prajapati :- जैसा की आप सभी को पता है कि टिक टॉक इंडिया में बैन हो चुका है और अब इसी टिक टॉक को नए नाम के जरिए अब इंडिया में फिर से लाया जा रहा है तो आज का हमारा आर्टिकल कुछ इसी प्रकार के सब्जेक्ट पर है आज हम आपको बताएंगे टिक टॉक का नया नाम क्या है टिक टॉक का जो नया नाम इस बार इंडिया में आ रहा है उसका नाम है बाइक डांस।

बाइट डांस भारतीय बाजार में फिर से प्रवेश करने के नए तरीके का विचार बना रहा है। जिस कंपनी के पास टिक टॉक जैसे एप्लीकेशंस के प्लेटफार्म हैं उसे कुछ साल पहले ही हमारे देश से बाहर कर दिया गया था । एक रिपोर्ट के अनुसार बाय डांस भारत में ऐसे लोगों की तलाश कर रहा है जो कंपनी को बाजार में फिर से लांच करने के लिए कह रहे थे और वह उसकी मदद करेंगे इसके विकास के लिए पुराने और नए दोनों तरह के कर्मचारियों को फिर से काम पर रखने में मदद कर सके ।।

क्यों किया गया था टिक टॉक बैन इंडिया में

जैसा कि आप सब जानते हैं कि टिक टॉक पर बहुत से भारतीय लोग थे जो उस पर वीडियो बना रहे थे और अपना सारा का सारा डाटा दे रहे थे इससे इंडिया के सभी लोग टिक टॉक पर जुड़ रहे थे और सभी लोग अपने डाटा दे रहे थे टिक टॉक को बैन करने की सबसे बड़ी वजह थी कि वह हमारे देश का डाटा किसी दूसरे देश में पहुंचा था जैसे कि जहां तक आशा थी कि चीन में इस डाटा को पहुंचाया जा रहा था तो यह बात जैसे ही भारत सरकार को पता चली उन्होंने तुरंत ही है इस ऐप पर बैन लगा दिया इस ऐप पर बैन 2020 में लगाया गया पिता का 2 साल से अधिक के अंतराल के बाद आज बाजार में अपनी वापसी करना चाहता है।

अभी नाम को बदलकर कर सकता है भारत में एंट्री

टिक टॉक जो कि भारत में बंद हो चुका है तो वह अब भारत में तो नहीं आएगा पर उसका नाम वाइट डांस क्राफ्ट टंकी रंजीत का पालन कर सकता है जो पब जी मोबाइल को देश में वापस लाने में कामयाब रहा जैसा कि आप सभी जानते हैं कि पब जी मोबाइल भी भारत में बैन हो चुका था लेकिन इसमें कुछ टेक्नोलॉजी की वजह से या इंडिया में फिर से आ चुका है तो उसी का यूज करके टिक टॉक भी इंडिया में आना चाहता है तुझे सेटिंग पब्जी बंद हुआ तो उसका नाम पब्जी था तो इंडिया में आने के बाद उसका नाम चेंज किया गया जिसका नाम रखा गया बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया तो उसी तरह से टिक टॉक का भी नाम चेंज करके बाइट डांस रख दिया जाएगा

गूगल ने लॉन्च किया टैप टू पे

जैसा कि आप सभी जानते हैं गूगल पर आज के समय में कितना ज्यादा प्रचलित मनी ट्रांसफर एप्प है गूगल पे ने बुधवार को पाइपलाइन के साथ मिलकर यूपीआई के लिए टेप टू लांच करने की घोषणा कर दी है यह एक ऐसी कार्य क्षमता है जिसका उद्देश्य टाइप टू पर टू यू पी आई की सेहत सुविधा लाना है और गूगल अपने कामों को बहुत ही बेहतर बना रहा है और यूजर्स के लिए नए नए फीचर्स लेकर आ रहा है

आपको बताते चलें टैटू पर केवल कार्ड के लिए उपलब्ध था अभी तक यह सिर्फ कार्ड पर ही उपलब्ध था

गूगल प्ले सिक्योरिटी को देखते हुए भुगतान करने के लिए सभी उपयोगकर्ताओं को अपने फोन को बस टर्मिनल पर टाइप करना होगा और अपने यूपीआई पिन का उपयोग करके अपने फोन से भुगतान को प्रमाणित करना होगा क्यूआर कोड या यूपीआई से जुड़ी मोबाइल नंबर को स्कैन करने दर्ज करने की प्रक्रिया को लगभग खाली बनाना होगा गूगल ऐप को लगभग अपडेट कर रहा है और ज्यादा बेहतर हो सके। जिससे यूजर को चलाने में और उसकी प्राइवेसी के साथ कोई छेड़खानी ना हो।

गूगल केपीएस ई बिजनेस है हेड सजीथ शिवानंदन ने एक बयान में कहा “भारत में फिटनेस विकास दुनिया के लिए प्लेबुक लिख रहा है ” पहले यूपीआई के साथ वास्तविक समय भुगतान करने के साथ और आगे प्रवाह के साथ विचार करके जो लेनदेन के समय को लगभग कर देता है यूपी के लिए का आउटलेट के लिए गहरा प्रभाव पड़ता है दूर ले जा रहा है

गूगल की कार्य क्षमता किसी भी यूपीआई उपयोगकर्ता के लिए उपलब्ध होगी जो देश भर में किसी भी पाइप लैब्स एंड्राइड ओएस 10 मिनट का उपयोग करने के लिए अपने एनएफसी एंड्रॉयड स्मार्टफोन का उपयोग करना चाहते हैं

Google map पर इन जगहों को देखना मना है जाने इसकी पूरी वजह

हमें तो गूगल मैप के बारे में बहुत बारिश सुना होगा और आपने गूगल मैप पर लोकेशन भेज देखा होगा तो क्या आप जानते हैं दुनिया में कई ऐसी जगह है जिन्हें गूगल मैप के जरिए नहीं देखा जा सकता क्योंकि यह जगह गूगल मैप पर ब्लर है

गूगल मैप पर बहुत सारी ऐसी चीजें ब्लर हैं यानी कि गायब है जो नॉर्मल इंसान को गूगल मैप के जरिए नहीं मिल सकती इस कदम को सुरक्षा कारणों की वजह से उठाया गया है जिससे किसी को हानि ना पहुंचे

हम आपको बताते चलें कि कुछ महीनों पहले एप्पल किसी टीम को का घर गूगल मैप से गायब कर दिया गया था इसके पीछे का कारण था कि एक महिला को का पीछा कर रही थी यहां तो सुरक्षा के नजरिए से ऐसा किया गया था लेकिन दुनिया में कई ऐसी जगह है जिन्हें गूगल मैप के जरिए नहीं देखा जा सकता क्योंकि यह जगह गूगल मैप कलर यानी गायब हो चुकी हैं द सन की रिपोर्ट के मुताबिक गूगल कई जगहों के लोकेशन को अपने में से हटा चुका है आइए जानते हैं ऐसी कुछ खास जगहों के बारे में जो ब्लर यानी कि गायब हो चुकी हैं

गूगल मध्य फ्रांस में मौजूद जेल को सेंसर कर चुका है जो अभी इस वक्त पर है जो कभी भी आपको गूगल मैप पर देखने को नहीं मिलेगा 2018 में फ्रांस सरकार के निवेदन पर सुरक्षा कारणों की वजह से ऐसा किया गया था वहीं दक्षिण प्रशांत महासागर में मौजूद एक छोटा प्रवालद्वीप है जो प्रतिबंधित है इसे प्रतिबंधित किया गया इसकी वजह तो साफ नहीं हो पाई लेकिन कहा जाता है कि आईलैंड का इतिहास रहा है

आइए हम कुछ ऐसी और ही जगहों के बारे में जानते हैं जो ब्रिटेन में मौजूद प्रिंस पोर्ट रोड पर स्थित स्टॉप टोन ऑन इस गूगल पर बैन है बर्फ से ढका रहने वाला आईलैंड 1.2 मील लंबा है माना जाता है कि रूस और अमेरिका में तनातनी की वजह से ही आई लैंड को गूगल मैप पर ब्लॉक कर दिया गया है पोलैंड की स्पेशल फोर्स कमांड की ट्रेनिंग वहां होती है यह गूगल पर है जिससे कोई भी इस पर हानि न पहुंचे इसके अलावा नार्थ कोरिया के कई हिस्से गूगल पर नहीं देख सकते ग्रीस की राजधानी एथेंस में मौजूद मिलिट्री बेस भी गूगल मैप पर पूरी तरह ब्लर किया गया है यह बहुत ही सुरक्षा कारणों की वजह से किए जा रहे हैं तो ऐसा करना सही है ताकि किसी को नुकसान ना पहुंचे और किसी की रहस्यमई बातें कहीं छेड़खानी ना हो।

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Android vs i phone पुराने i phone को भी मिल रहा अपडेट, एंड्रॉयड यूजर्स के नसीब में बस इंतजार

स्मार्टफोन बाजार में दो ऑपरेटिंग सिस्टम वाले फोन्स ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। इनमें से एक है iOS और दूसरा है Android। iOS वाले प्रोडक्ट तो साल में एक बार लॉन्च होते हैं लेकिन Android वाले फोन्स तो डेली ही लॉन्च होते रहते हैं।

जहां बात अपडेट देने की आती है तो इसमें एप्पल को अब तक कोई हरा नहीं पाया है। समय-समय पर एप्पल आईफोन पर अपडेट देती रहती हैं, वहीं एंड्रॉयड यूजर्स अपडेट का इंतजार करते ही रह जाते हैं।

आपको बता दें कि एप्पल ने 72% आईफोन्स तक iOS 15 का अपडेट पहुंचा दिया है। अब iOS 14 महज 25 फीसदी फोन्स में ही रह गया है और सिर्फ 2% आइफोन्स इससे पुराने वर्जन पर काम कर रहे हैं। एप्पल कंपनी चार से पांच साल पुराने 63% आईफोन्स पर भी iOS 15 का अपडेट पहुंचा चुकी है।

एंड्रॉयड को क्यों नहीं मिल रहा अपडेट


गूगल एंड्रॉयड के लेटैस्ट वर्जन पर काम करने वाले फोन्स के लिए अपडेट जारी नहीं करती है। पुछले साल नवंबर में गूगल ने Android 12 जारी किया था और अब भी 26.5% एंड्रॉयड फोन्स एंड्रॉयड 10 पर काम कर रहे हैं जिसे कि वर्ष 2019 में लॉन्च किया गया था। Android 11 वाले फोन्स की संख्या भी महज 24.2% ही है। फिलहाल एंड्रॉयड 12 के यूजर्स कितने हैं यह अभी एक राज है, हालांकि कुछ कंपनियों ने अपने फोन्स के लिए Android 12 का अपडेट देना शुरू कर दिया है। आपको जानकार हैरानी होगी कि अभी भी 18.2% फोन्सAndroid 9 Pie पर काम कर रहे हैं और 13.7% फोन में अभी भी Android 8 Oreo है।

इन आंकड़ों से यह पता चल जाता है कि एंड्रॉयड फोन के मुकाबले आईफोन पर भरोसा लोग क्यों करते हैं। एप्पल पांच साल पुराने फोन को भी अपडेट दे रही है, लेकिन एंड्रॉयड फोन अभी भी 3 से 4 साल पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम वर्जन पर काम कर रहे है।

सरकार का अलर्ट: बात करते समय मर्ज न करें कॉल,खाली हो सकता है आपका बैंक अकाउंट का बैलेंस।

मोबाइल फोन पर किसी अंजान व्यक्ति से बात करते समय कॉल को मर्ज न करें। ऐसा करने पर आपका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो सकता है। इसके जरिये साइबर अपराधी आपके बैंक खाते तक भी पहुंच सकते हैं।

साइबर धोखाधड़ी लगातर बढ़ रहे मामलों को देखते हुए सरकार ने चेतवानी जारी की। इसमें कहा है कि साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं। इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है।

अपना OTP किसी से साझा न करें।



गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को अपने ट्विटर हैंडल ‘साइबर दोस्त’ के जरिये ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) को लेकर भी चेतावनी जारी की है। इसमें कहा गया है कि फोन पर कभी भी किसी अंजान व्यक्ति से बात करते समय कोई और कॉल मर्ज न करें।

कॉल मर्ज होते ही जालसाज ओटीपी जानकर आपका बैंक मेट्रो, रेलवे स्टेशन, पार्क समेत ऐसी कई जगहों पर फ्री वाईफाई की सुविधा है। अक्सर लोग इंटरनेट बचाने और फ्री वाईफाई के चक्कर में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी पब्लिक वाईफाई के जरिए कर लेते हैं। इन फ्री वाईफाई में कुछ फ्रॉड भी हो सकते है। इस स्थिति में अगर आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, तो आपकी बैंक से जुड़ी निजी जानकारी उनके पास चली जाती है। इसलिए ध्यान रखें कि, पब्लिक वाईफाई से कभी भी अपने ट्रांजेक्शन ना करें। पर भी शिकायत कर सकते हैं। साइबर दोस्त साइबर सुरक्षा पर जानकारी साझा करता है।

What is antivirus.

किसी से साझा न करें ओटीपी

डिजिटल भुगतान या बैंक से जुड़े कोई भी लेनदेन करते समय मोबाइल नंबर एक ओटीपी आता है। इसके डालने के बाद ही लेनदेन पूरी होती है। ऐसे में अपना ओटीपी नंबर किसी से साझा न करें। इसके अलावा, ज्यादातर लोग फोन और मैसेज के जरिये भी ओटीपी साझा कर देते हैं। ऐसा करने से बचें अन्यथा आप साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।

पब्लिक वाईफाई से लेनदेन करने से बचें

फ्री wifi का यूज करने से बचें।

मेट्रो, रेलवे स्टेशन, पार्क समेत ऐसी कई जगहों पर फ्री वाईफाई की सुविधा है। अक्सर लोग इंटरनेट बचाने और फ्री वाईफाई के चक्कर में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी पब्लिक वाईफाई के जरिए कर लेते हैं। इन फ्री वाईफाई में कुछ फ्रॉड भी हो सकते है। इस स्थिति में अगर आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं, तो आपकी बैंक से जुड़ी निजी जानकारी उनके पास चली जाती है। इसलिए ध्यान रखें कि, पब्लिक वाईफाई से कभी भी अपने ट्रांजेक्शन ना करें।

गूगल क्रोम पर भूलकर भी न करें ये गलतियां,हो सकते हैं हैकिंग के शिकार, एंटीवायरस भी नही करेगा काम।

इंटरनेट के बहुत से फायदे हैं तो नुकसान भी हैं। ऐसे में इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियां रखना जरूरी होता है। इंटरनेट का इस्तेमाल करने के लिए बहुत से लोग गूगल क्रोम ब्राउजर का उपयोग करते हैं।

अक्सर लोग गूगल क्रोम पर बार-बार लॉग-इन करने से बचने के लिए जीमेल सहित सर्विस के लॉगइन आईडी और पासवर्ड को सेव कर देते हैं। बता दें कि ऐसा करना यूजर को भारी पड़ सकता है। ऐसे में गूगल क्रोम का इस्तेमाल करते वक्त भूलकर भी कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए नहीं तो हैकिंग का शिकार हो सकते हैं।

हो सकते हैं हैकिंग का शिकार


हाल ही में सिक्योरिटी एक्सपर्ट कंपनी AhnLab ने एक रिपोर्अ में इस बात का खुलासा किया है कि एक वायरस गूगल क्रोम से आपके लॉगइन आईडी और पासवर्ड चुरा सकता है। दरअसल सिक्योरिटी फर्म ने रेडलाइन स्टीलर नाम के एक मैलवेयर की पहचान की है। यह मैलवेयर गूगल क्रोम में सेव लॉगईन आईडी और पासवर्ड चुराने का काम करता है। ऐसे में हैकर्स इस मैलवेयर के जरिए आपकी पर्सनल डिटेल हासिल कर सकते हैं। साथ ही बैंकिंग फ्रॉड जैसी घटनाओं को भी अंजाम देते हैं।

एंटीवायरस भी नहीं करेगा काम

रिपोर्ट के अनुसार, यह मैलवेयर काफी खतरनाक है। यहां तक की इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का भी असर नहीं होता है। बताया जा रहा है कि यह मैलवेयर कंपनी के वीपीएन तक पहुंचकर लॉग-इन और पासवर्ड चोरी करने में माहिर है। ऐसे में यूजर्स से गूगल क्रोम में अपना लॉग-इन आईडी पासवर्ड सेव ना सेव करने की सलाह दी गई है। इस मैलवेयर पर एंटीवायरस का असर नहीं होता है।

एंटीवायरस क्या है जाने विस्तार में।

ऐसे बचें



इस मैलवेयर से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। भूलकर भी गूगल क्रोम ब्राउजर पर कोई भी पासवर्ड ना सेव करें। इसके साथ ही अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहें। हमेशा सिक्योर और ऑफिशियल वेबसाइट का इस्तेमाल करें। इसके अलावा मेल, मैसेज या व्हाट्सऐप पर आने वाले किसी अनजान लिंक को क्लिक न करें। पर्सनल डेटा और अन्य जरूरी फाइल को बिना प्रोटेक्शन के सेव करके न रखें।

कैसा होगा e-passport जिसे लॉन्च करने जा रही है TCS, क्या कागज के बदले चिप से होगा काम ।

देश के सबसे बड़े सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर टीसीएस (TCS) को पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम (PSP) का दूसरा फेज शुरू करने की अनुमति मिल गई है.

ई-गवर्नेंस प्रोग्राम के तहत भारत के लाखों लोगों का पासपोर्ट बनाया जाएगा. इसमें टाटा की कंपनी टीसीएस सबसे नई आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करेगी. टीसीएस इस बार ई-पासपोर्ट (e-passport) भी शुरू करने जा रही है जिसका इंतजार कई वर्षों से है.

टीसीएस ने ई-पासपोर्ट के बारे में कहा है, इसकी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी हम लेकर आ रहे हैं, लेकिन पासपोर्ट पास करना या छापने का काम केंद्र सरकार ही करेगी. लोगों के ऐसे सवाल हैं कि क्या ई-पासपोर्ट पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक होगा या उसका रूप कैसा होगा. इस बारे में टीसीएस ने साफ कर दिया है कि e-passport पूरी तरह से पेपर-फ्री नहीं होगा और उसमें कुछ कागज भी होंगे. कागज की जरूरत इसलिए होगी क्योंकि वीजा स्टांपिंग का काम अभी चल रहा है जो कागज पर ही हो सकेगा. कंपनी का कहना है कि बाद में ऑटोमेशन के जरिये कागज की जरूरत को खत्म किया जा सकता है.

https://vinkal.design.blog/2021/12/12/%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87

पासपोर्ट में लगी होगी चिप

पासपोर्ट के जैकेट (ऊपरी पन्ना) में एक इलेक्ट्रॉनिक चिप लगी होगी जिसमें सुरक्षा से जुड़ी सभी जानकारी दर्ज होगी. दुनिया के कई देशों में ई-पासपोर्ट है और कई देश इस पर काम भी कर रहे हैं. लेकिन भारत का ई-पासपोर्ट बाकी देशों से बिल्कुल अलग होगा. बस कुछ महीनों की बात है और भारत भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा जहां ई-पासपोर्ट का चलन है. टीसीएस ने देश में पहले फेज का पासपोर्ट कार्यक्रम भी चलाया है जिसमें 8.6 करोड़ से अधिक लोगों को पासपोर्ट जारी किया गया. भविष्य में भारत के लोग दुनिया के अलग-अलग हिस्से में यात्रा करेंगे और इससे पासपोर्ट बनाने का काम और तेज होगा.

जारी करने का काम सरकार का

पासपोर्ट छापने और जारी करने के अलावा इससे जुड़े सभी काम टीसीएस ही देखेगा. इसके लिए तीसरा डेटा सेंटर तैयार किया जा रहा है जिसमें लोगों की जरूरी जानकारी स्टोर की जाएगी. पहले फेज में दो डेटा सेंटर बनाए गए थे. इस प्रोजेक्ट के लिए कंपनी सैकड़ों टेक्नोलॉजी वर्कर की भर्ती करेगी. इसके साथ ही पासपोर्ट सेवा केंद्र के लिए फ्रंट ऑफिस स्टाफ की भी भर्ती की जाएगी. ई-पासपोर्ट में बायोमेट्रिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एडवांस डाटा एनालिटिक्स, चैटबोट, ऑटो रेस्पोंस, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग और क्लाउड का इस्तेमाल किया जाएगा. लोगों का जैसा उपयोग और अनुभव होगा, उस हिसाब से ई-पासपोर्ट में सुविधाएं जोड़ी जाएंगी.

फिंगरप्रिंट और आईरिस का इस्तेमाल

पासपोर्ट में फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल पहले से होता है. फिंगरप्रिंट भी बायोमेट्रिक का हिस्सा है. इसलिए ई-पासपोर्ट में फिंगरप्रिंट तो रहेगा ही, इसके अलावा भी कई तरह की सुविधाएं जोड़ी जाएंगी. व्यक्ति की पहचान के लिए फिंगरप्रिंट के अलावा आईरिस और अल्गोरिदम का उपयोग होगा. आईरिस का प्रयोग वैसे ही होगा जैसा आधार आदि में किया जाता है. आईरिस से भी व्यक्ति की पहचान होती है और इससे फर्जीवाडे को रोकने में मदद मिलेगी. ई-पासपोर्ट में आईरिस की सुविधा भी बढ़ने जा रही है.

Android phone tips & tricks :- क्या आपका भी फोन स्लो चल रहा है। ये सेटिंग करने के बाद नए जैसा चलने लगेगा

Android Smartphone Tricks:

कुछ समय बाद कई स्मार्टफोन की स्पीड स्लो हो जाती है क्योंकि अधिक ‘जंक’ कैश्ड डेटा, अनयूज्ड फाइलों और फोल्डरों के रूप में इक्टठा हो जाता है.

Smartphone speed up
Smartphone speed up

Smartphone Speed UP:

एंड्रॉयड स्मार्टफोन खूब इस्तेमाल किए जा रहे है. नई नई टेक्नॉलोजी आ रही हैं. नए स्मार्टफोन्स में प्रोसेसर, रैम और स्टोरेज भी ज्यादा आ रही हैं. लेकिन कुछ समय बाद कई स्मार्टफोन की स्पीड स्लो हो जाती है क्योंकि अधिक ‘जंक’ कैशे डेटा, अनयूज्ड फाइलों और फोल्डरों के रूप में इक्टठा होते रहते हैं. इसके लिए हममें से अधिकांश लोग एक एंड्रॉयड एंटी-वायरस ऐप डाउनलोड करते हैं जो एक टैप में काम करता है, लेकिन क्या होगा अगर हम आपको बताएं कि ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप अपने Android स्मार्टफोन को स्पीड बढ़ा सकते हैं.

Home screen clean up

डेटा सेवर मोड चालू रखें (Enable ‘Data Saver’ Mode)


क्रोम ब्राउजर में ‘डेटा सेवर’ ऑप्शन को एक्टिव करने से आपको ज्यादा इंतजार किए बिना सर्फिंग करने में मदद मिलेगी क्योंकि यह कम डेटा का इस्तेमाल करके और पेजों को तेजी से लोड करता है. यहां आप फोटो और वीडियो की क्वालिटी पर थोड़ा सा समझौता कर सकते हैं. साथ ही, यहां डेटा स्पीड मायने रखती है.

On data sever mode

होम स्क्रीन साफ रखें (Clean The Home Screen)


होम स्क्रीन को क्लीन करने से फोन हल्का हो जाता. मौसम, समाचार और इस तरह के लगातार अपडेट होने वाले ऐप्स के लिए विजेट्स के साथ लाइव वॉलपेपर रखने से अक्सर फोन स्लो हो सकते हैं क्योंकि जैसे ही आप अपने स्मार्टफोन को अनलॉक करते हैं, वे सभी रिफ्रेश हो जाते हैं. होम स्क्रीन पर कई विंडो रखने से भी यही हाल होता है.

Switch Off Auto-Sync


इन दिनों ज्यादातर स्मार्टफोन में सेटिंग ऐप में यह खास ऑप्शन होता है. बैकग्राउंड में ऑटो सिंक करने के लिए वास्तव में किन ऐप्स की जरूरत है, इस पर एक नजर डालें. केवल उन्हीं ऐप्स को ऑटो सिंकिंग की परमिशन दें जिनकी आपको वास्तव में जरूरत है.

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Task Killers Actually Make Apps ‘Slow’


हां, तुमने यह सही पढ़ा. टास्क किलिंग ऐप्स वास्तव में ऐप्स के स्टार्ट होने को स्लो कर देते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ ऐप्स को एंड्रॉयड द्वारा बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जाता है जब उन्हें बैकग्राउंड में बीच में छोड़ दिया जाता है. जब टास्क किलर बैकग्राउंड में चल रहे ऐप को बंद कर देते हैं, तो उन्हें शुरू से बूट करने में अधिक समय लगता है. इसमें बैटरी भी ज्यादा लगती है.

Overclock The Smartphone Processor


यदि आप अपने एंड्रॉयड स्मार्टफोन को रूट करना जानते हैं और आपके पास एक अच्छा ओवरक्लॉकिंग ऐप है, तो एक तेज UI अनुभव देखने के लिए तैयार हो जाइए. हालांकि, यहां कुछ वॉर्निंग्स में स्मार्टफोन का ज्यादा गर्म होना और तेज बैटरी खत्म होना शामिल हैं.

Clear The Cached Data

😮😮😮 whatsapp ke new features, जाने विस्तार में……..


जंक फाइलों को क्लीयर करने और कुछ कामों में स्मार्टफोन की स्पीड बढ़ाने का यह शायद सबसे आम तरीका है. इसके लिए आपको बहुत सारे ऐप मिलते हैं और कुछ स्मार्टफोन में इस फीचर के साथ इनबिल्ट फोन मैनेजर भी होता है.

Deactivate Some Apps


आप बैकग्राउंड में चल रहे कुछ ऐप्स को डीएक्टिवेट भी कर सकते हैं. क्लियरिंग ऐप्स जिनका आप जल्द ही कभी भी उपयोग नहीं करेंगे, इससे रैम और प्रोसेसर पर लोड कम कर देंगे. इसके लिए आपको कई थर्ड पार्टी ऐप्स भी मिलते हैं.

Keep The OS Version Up To Date


यदि आपका स्मार्टफोन अभी भी आधिकारिक ओएस अपग्रेड साइकल में है, तो जब भी ओईएम नया ऑपरेटिंग रोल आउट करे तो नया वर्जन इंस्टॉल करें. यह पिछले वर्जन से बग को दूर रखता है और डिवाइस को फास्ट रखने में हेल्प करता है.

Factory Reset


यह आपके पास आखिरी उपाय है. यदि आप रूटिंग से परिचित नहीं हैं, और आपकी डिवाइस आधिकारिक Android OS अपडेट साइकल में नहीं है और आप नहीं चाहते कि थर्ड पार्टी एप्लिकेशन आपका डेटा क्लीयर करें तो फैक्ट्री रीसेट करें. यह ऑप्शन सेटिंग पेज में पाया जा सकता है. फैक्ट्री रीसेट करने से पहले सुनिश्चित करें कि आपने सब कुछ बैकअप कर लिया है.

Reliance Jio new prepaid plans start today. See new rates, validity

Jio peechhe ku rahega bhai 😂😂😂

Reliance Jio new prepaid plans start today. Photo: Ramesh Pathania/Mint
Reliance Jio new prepaid plans start today. Photo: Ramesh Pathania/Mint
1 min read . 09:08 AM IST
Edited By Livemint

Reliance Jio new prepaid tariff plans start today, and if you wonder it would be any different from Bharati Airtel or Vodafone Idea pepaid packs then you must read this story. The Mukesh Ambani-owned telecom company has decided to increase the prepaid plans rate starting December 1, 2021. It came after two of its competitors, Airtel and Vodafone Idea did so to generate more revenue. The entire prepaid rates have been revised by nearly 20 per cent.


The already burdened subscribers have to pay more now on every recharge, whether monthly, or top ups. So be prepared and understand the changes before proceeding any further.

All the existing packs from the 28 days to 365 days have been revised along with the top up recharges. The ₹75 pack valid for 28 days moves to ₹91.


The commonly used recharge of ₹199 will now be levied at ₹239 having 1.5GB data each day for a period of 28 days. The 2GB data/day for 28 days pack moves to ₹299.

The 56 days pack of ₹399 has been hiked to ₹479 with 1.5GB data/day. Similarly, the 2GB data/day pack for the same period will be charged at ₹533 from the current ₹444.

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